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स्कूलों में पढ़ाई का मास्टर प्लान 3 जुलाई बड़ा फैसला

 स्कूलों में पढ़ाई का मास्टर प्लान 3 जुलाई बड़ा फैसला

स्कूल शिक्षा बड़ी बैठक

दिल्ली, 03 जुलाई - कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लगाए गए पूर्ण लॉकडाउन के बाद से ही देश में स्कूली शिक्षा सुचारू रूप से शुरू नहीं हो सकी है। बीते 2 सालों में स्कूल online शिक्षा के माध्यम से ही बच्चों का सिलेबस पूरा कहा रहे हैं, यहां तक की एग्जाम भी ऑनलाइन हो रहे हैं। इस बीच जो बच्चे किसी वजह से ऑनलाइन (Online) शिक्षा से वंचित हैं उनके लिए भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो भारत सरकार के साथ मिलकर बड़ा अभियान चलाने जा रहा है।

सेटेलाइट टीवी क्लासरूम

ग्रामीण भारत के स्कूलों को अब डिजिटल बनाने की कोशिश में इसरो भारत सरकार के साथ मिलकर सैटेलाइट टीवी क्लासरूम स्थापित करने में मदद करने के लिए अपनी सहमति दे दी है।

भारत सरकार और इसरो का सयुक्त प्रयास

भारत सरकार और इसरो के इस संयुक्त अभियान से कोरोना वायरस काल में भी ग्रामीण इलाकों में पढ़ने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लास ले पाएंगे। कई पिछड़े इलाकों में इंटरनेट और अन्य सुविधाओं की कमी के चलते वहां के बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है।

इसरो 3 जुलाई की बैठक में शामिल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को शिक्षा पर संसदीय स्थायी समिति को इस संबंध में तकनीकी सहायता की पेशकश करने के लिए मंजूरी दे दी ताकि देश में शिक्षा और टेक्नॉलजी के बीच की खाई को पाटने में मदद मिल सके। इस संबंध में इसरो के वैज्ञानिकों ने समिति के समक्ष ग्रामीण स्कूलों की क्लास में सैटेलाइट टीवी लगाने को लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया था। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इसरो के वैज्ञानिकों ने 3 जुलाई को हुई बैठक में भाग लिया और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) व दूरदर्शन के अधिकारियों के सामने छात्रों के लिए सैटेलाइट टीवी के विकल्प पर चर्चा की।  

मोरल उद्देश

Corona guidelines का पालन करते हुए सभी शिक्षक छात्रों तक शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करें और कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जागरूकता फैलाएं जन जागरण करें जिससे हम सभी सुरक्षित रह सके

लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।लेख से संबंधित अपने विचार कमेंट बॉक्स में लिखें और हम से जुड़े रहे शिक्षा विभाग की तमाम ताजा खबरों सहित अन्य ताजा खबरें हम आप तक पहुंचाते रहेंगे।

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2 टिप्पणियाँ

  1. Students ko 25-50%ke dwara school me bulaya jana aavashyak he digilep se Padai ka uddesh poora nahi ho pa raha he.
    Kyoki gramin chhetra me mobile sabhi ke pass nahi he.iske alawa light, connectivity ,recharge ,netbalance aadi samasya he.

    जवाब देंहटाएं

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